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अभियान साझेदार: 

  1. यंग लीडर्स फॉर एक्टिव सिटिजनशिप

  2. सिटी सभा

  3.  राहगीरी फाउंडेशन 

  4. सेफ्टीपिन

  5. सस्टेनेबल मोबिलिटी नेटवर्क

कुछ लोग इसे दिल्ली कहते हैं, हम इसे अपना घर।

दिल्ली की दिशा अब हमारे हाथ में है।
आओ, इस शहर को फिर से अपना बनाएं।

नई दिल्ली, जिसे हम प्यार से हम दिल्ली बोलते हैं, 33.8 मिलियन से ज्यादा लोगों का घर है। यह शहर भागता-दौड़ता है, कभी-कभी मुश्किल लगता है, लेकिन हर किसी के दिल के करीब है। पर अब यह घर कई लोगों के लिए रहने लायक नहीं बचा। जहरीली हवा, बढ़ती गर्मी, खराब परिवहन व्यवस्था और असुरक्षित सार्वजनिक जगहों ने इस शहर को मुश्किल बना दिया है।

परिवहन इन समस्याओं का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि स्थानीय प्रदूषण का 51.5% हिस्सा परिवहन से होने वाले उत्सर्जन से आता है। दिल्ली में निजी वाहनों पर अत्यधिक निर्भरता, जो 2023 में लगभग 2.071 मिलियन निजी वाहनों के पंजीकरण के साथ और बढ़ गई, ने स्वास्थ्य, समानता और स्थिरता से जुड़ा एक गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इसका मुख्य कारण है कि सार्वजनिक परिवहन विश्वसनीय, किफायती और अच्छी तरह से जुड़ा हुआ नहीं है। साथ ही, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए बुनियादी ढाँचे की कमी ने सामाजिक असमानताओं को और गहरा कर दिया है और प्रदूषण को बढ़ावा दिया है।

ये गंभीर और बहुआयामी चुनौतियाँ इस बात को स्पष्ट करती हैं कि दिल्ली के परिवहन तंत्र को फिर से सोचने की सख्त ज़रूरत है ताकि शहर सभी के लिए रहने योग्य बन सके। यह "दिल्ली चार्टर" इसी नई सोच का प्रतिनिधित्व करने और दिल्ली के नागरिकों और निर्णय लेने वालों के बीच एक पुल का काम करने का प्रयास करता है। यह दस्तावेज़ "दिल्ली मास्टर प्लान 2021" और "मैं भी दिल्ली" अभियान के तहत किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर आधारित है।

हम क्या कर रहे हैं?

सितंबर 2024 में, YLAC ने परिसर और वातावरण के साथ मिलकर महाराष्ट्र अर्बन मोबिलिटी चार्टर प्रकाशित किया। इसमें गाड़ियों की बढ़ती संख्या, सड़कों की कमी, और पर्यावरण को हो रहे नुकसान जैसे मुद्दों का समाधान दिया गया था। 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले जारी इस चार्टर को 1,500 से अधिक नागरिकों का समर्थन मिला और इसे व्यापक मीडिया कवरेज प्राप्त हुआ। इसके कई समाधान MVA और महायुति गठबंधनों के चुनाव घोषणापत्रों में शामिल किए गए।

अब YLAC का ध्यान दिल्ली पर है। सिटी सभाराहगीरी फाउंडेशन और सेफ्टीपिन जैसे संगठनों के साथ मिलकर "दिल्ली चार्टर" तैयार किया जा रहा है। इसे 2025 दिल्ली चुनावों से पहले लॉन्च किया जाएगा।

इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, YLAC ने अब अपनी नजर दिल्ली पर केंद्रित की है। सस्टेनेबल मोबिलिटी नेटवर्क के तहत  सिटी सभाराहगीरी फाउंडेशन और सेफ्टीपिन के साथ साझेदारी में, हम 2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली सस्टेनेबल मोबिलिटी चार्टर या “दिल्ली चार्टर” तैयार कर रहे हैं।

‘दिल्ली चार्टर’ एक ऐसी दिल्ली के लिए सामूहिक दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है, जो सुलभ, समावेशी और सतत हो। यह चार्टर मुख्य विषयों को कवर करता है, जैसे: सार्वजनिक परिवहन ढांचे का विस्तार और सुधार, शहरी परिवहन में समावेशिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को कम करने के लिए सतत उपाय अपनाना और जवाबदेही व शासन को मजबूत करना। यह चार्टर दिल्ली के शहरी विकास के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है और इसे CEEWOMI फाउंडेशनपीपल रिसोर्सेस सेंटरपब्लिक ट्रांसपोर्ट फोरमसेवलाइफ फाउंडेशन, और द अर्बन कैटलिस्ट का समर्थन प्राप्त है।

आह्वान: साथ मिलकर आगे बढ़ें

हम इस चार्टर को दिल्ली के नेताओं के सामने रख रहे हैं, और इसे सफल बनाने के लिए आपकी मदद जरूरी है। इस चार्टर को दिल्ली विधानसभा के आने वाले सदस्यों तक पहुंचाने के लिए हमारी याचिका पर हस्ताक्षर करें। आपका हर हस्ताक्षर जरूरी है और इससे चार्टर में सुझाए गए परिवहन सुधारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

हम आपसे यह भी आग्रह करते हैं कि इस याचिका को अपने नेटवर्क में साझा करें और हैशटैग #DilliCharter का उपयोग करके इस पहल को आगे बढ़ाएं। साथ मिलकर, हम एक ऐसी दिल्ली का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल समस्याओं से जूझे बल्कि उन्हें हराकर प्रगति की ओर बढ़े।

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था

  1. दिल्ली में बसों की संख्या को बढ़ाकर 20,000 तक करें, ताकि आबादी के हर एक लाख लोगों पर 60 बसों का लक्ष्य पूरा हो सके, जो कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के सेवा स्तर बेंचमार्क के अनुसार है। इन नई बसों के वितरण में यह सुनिश्चित करें कि बाहरी क्षेत्रों, कम सेवाओं वाले इलाकों और पुनर्वास क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए और यह भी सुनिश्चित करें कि सभी बसें कार्यात्मक और शून्य-उत्सर्जन (zero-emission) हों।

  2. बाहरी और पुनर्वास इलाकों में सुरक्षित लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में  सुधार करें |

  • मोहल्ला बस योजना शुरू करें और सस्ती बसें, मिनी बसें, ई-रिक्शा और ऑटो हर 10 मिनट पर चलाएं, चाहे पीक टाइम हो या नॉन-पीक। 

  • मेट्रो सहित सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाने के लिए और निजी दोपहिया वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए प्रति यात्रा किराया घटाएं और इसे लास्ट-माइल सेवाओं के साथ एकीकृत करें।

  • NMT (Non-Motorized Transport) और बस लेन, साइकिल स्टैंड, छायादार पैदल मार्ग, मेट्रो स्टेशन, बस शेल्टर और स्टॉप, और अन्य सार्वजनिक परिवहन केंद्रों का एक एकीकृत, निरंतर और विस्तृत नेटवर्क विकसित करें।

  1. बस यात्रा को आसान और तेज़ बनाने के लिए GPS आधारित रियल-टाइम जानकारी प्रदान करें, बसों के लिए समर्पित लेन बनाएं और रूट दक्षता में सुधार करें, जिसमें स्थानीय उपयोगकर्ताओं और नागरिक समाज के संगठनों से परामर्श लिया जाए।

  2. 'कंप्लीट स्ट्रीट्स' नीति लागू करें, जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित हो कि सडकों की सरंचना पैदल यात्री, स्ट्रीट वेंडर, साइकिल चालक, मोटर वाहन चालक और सार्वजनिक परिवहन उपयोगकर्ता, सभी के लिए सुरक्षित और समान रूप से उपयोगी हो। इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और सड़क की जगह को सभी की जरूरतों और अधिकारों के अनुसार बांटा जा सकेगा।

समावेशिता और सुरक्षा

  1. कानूनों को सख्ती से लागू करें ताकि जाति, वर्ग, लिंग, धर्म या पेशे से जुड़ी वर्दी और उपकरण (जैसे, अनौपचारिक निर्माण या सफाई कार्यकर्ता) के आधार पर किसी को भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से रोका न जाए

  2. सुनिश्चित करें कि सभी सार्वजनिक परिवहन, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, सूचना प्रणालियाँ और सड़कें 'दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम {3} 2016' और लिंग-प्रतिक्रिया (Gender-Responsive) सिद्धांतों के अनुसार डिज़ाइन, निर्मित और रख-रखाव की जाएं, ताकि समान पहुंच, समावेशिता और उपयोग में आसानी को मजबूत किया जा सके।

  3. महिलाओं की सुरक्षा और समावेशिता को मजबूत करने के लिए नियमित ऑडिट, लैंगिक आधार पर डेटा संग्रह और सार्वजनिक परामर्श को सक्रिय रूप से लागू करें। यह सुनिश्चित करें कि एंड-टू-एंड लैंगिक उत्तरदायी डिज़ाइन और नीतियां लागू हों जैसे कि:

  • रात में बसें महिलाओं के लिए स्टॉप और सड़क पर रुके, मुफ्त किराए और सीट आरक्षण योजनाओं का सख्ती से पालन हो, स्ट्रीट और बस स्टॉप पर बेहतर रोशनी हो, स्टेशन और बस स्टॉप के पास स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय और स्तनपान की जगह हो, उत्पीड़न की रोकथाम हो, और परिवहन कर्मियों के लिए लैंगिक संवेदनशीलता हो।

  • कार्यबल में महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए, और इसके लिए भर्ती और पदोन्नति के स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए जाएं।

  • यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) के तहत एक लैंगिक सलाहकार समिति और शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) स्थापित की जाए।

  1. सार्वजनिक सुरक्षा और विश्वास को बढ़ाने के लिए सभी सार्वजनिक परिवहन ढांचे में सीसीटीवी, डिस्ट्रेस बटन, सुलभ ऑडियो-विजुअल सार्वजनिक सूचना प्रणाली, और समावेशी व आरामदायक सार्वजनिक बैठने की सुविधाएं शामिल करें।

  2. मास्टर प्लान दिल्ली 2021 की परिवहन नीति के मुख्य उद्देश्यों के अनुसार, सभी सड़क और परिवहन उपयोगकर्ताओं की शून्य मृत्यु दर प्राप्त करने के लिए पूरे शहर में सेफ सिस्टम्स एप्रोच अपनाने का संकल्प लें। इसमें स्कूलों और अस्पतालों के आस-पास 30 किमी/घंटा की गति सीमा लागू करना, पैदल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना, ब्लैक स्पॉट्स पर सुरक्षा साइनबोर्ड और स्पीड ब्रेकर लगाना, और आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित प्राथमिक उत्तरदाताओं को तैनात करना शामिल है।

जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण

  1. पैदल चलने और साइकिल चलाने को प्राथमिक परिवहन साधन के रूप में बढ़ावा दें। इसके लिए सभी सड़कों, खासकर मुख्य सड़कों, पर सुरक्षित और सुलभ बुनियादी ढांचा बनाएं और इन साधनों को व्यापक परिवहन नेटवर्क में जोड़ें ताकि मोटराइज्ड वाहनों पर निर्भरता कम हो सके।

  2. प्रमुख सार्वजनिक परिवहन केंद्रों और मास ट्रांजिट क्षेत्रों, जैसे मेट्रो स्टेशनों, के 500 मीटर के दायरे में निर्धारित पार्किंग स्थान बनाएं, ताकि आखिरी मील कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सके।

  3. दिल्ली के प्रमुख प्रदूषण वाले इलाकों में और खासकर स्कूलों और अस्पतालों के पास “लो इमिशन ज़ोन” (LEZs) बनाएं, जहां ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों का प्रवेश रोका जाए और साफ-सुथरे परिवहन जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियां, हाइब्रिड गाड़ियां, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक साधन और साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जाए।

  4. बिना सार्वजनिक परिवहन की पहुंच को प्रभावित किए, 2030 तक निजी और सार्वजनिक वाहनों के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में बदलाव अनिवार्य करें। ट्रांजिट हब्स और कॉरिडोर के 3 किमी के दायरे में सोलर पावर चार्जिंग स्टेशन विकसित करें और EV बैटरियों के 100% रीसाइक्लिंग के लिए सुविधाएं स्थापित करें।

जवाबदेही और प्रशासन

  1. सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखें ताकि एक साथ मिलकर परिवहन योजना बनाई और लागू की जा सके, जैसे कि एक यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) बनाना।

  2. एक समयसीमा निर्धारित और मापने योग्य राज्य-स्तरीय नीति बनाएं, जो मौजूद योजनाओं को जोड़कर भूमि उपयोग और शहरी परिवहन में सुधार करे, और इसमें मजबूत सार्वजनिक चर्चा और स्थायी शहरी गतिशीलता योजनाओं को शामिल किया जाए।

  3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) में संबंधित विभागों, नागरिक समाज और स्वतंत्र विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें, ताकि एक संयुक्त और वैज्ञानिक कार्य योजना बनाई जा सके, जो वाहनों, धूल, उद्योगों और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को प्रभावी तरीके से कम कर सके।

  4. शहर भर में ट्रैफिक जाम को कम करनेअव्यवस्थित पार्किंग क्षेत्रों का सही उपयोग करने, वैध पार्किंग और नो-पार्किंग जोन को चिह्नित और लागू करने, और परिवर्तनीय पार्किंग शुल्क लगाने के लिए सिटी-वाइड पार्किंग मैनेजमेंट एरिया प्लान (PMAPs) के निर्माण और क्रियान्वयन को तेज़ी से पूरा करें। इसके लिए MCD को निगरानी और प्रवर्तन की अधिक शक्ति दी जाए, साथ ही नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता पर जोर दिया जाए।

  5. परिवहन फंडिंग स्रोतों, जैसे जुर्माने, और उनके आवंटन का डेटा सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करें, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ सके।

अभियान साझेदार: 

  1. यंग लीडर्स फॉर एक्टिव सिटिजनशिप

  2. सिटी सभा

  3.  राहगीरी फाउंडेशन 

  4. सेफ्टीपिन

  5. सस्टेनेबल मोबिलिटी नेटवर्क

कुछ लोग इसे दिल्ली कहते हैं, हम इसे अपना घर।

दिल्ली की दिशा अब हमारे हाथ में है।
आओ, इस शहर को फिर से अपना बनाएं।

नई दिल्ली, जिसे हम प्यार से हम दिल्ली बोलते हैं, 33.8 मिलियन से ज्यादा लोगों का घर है। यह शहर भागता-दौड़ता है, कभी-कभी मुश्किल लगता है, लेकिन हर किसी के दिल के करीब है। पर अब यह घर कई लोगों के लिए रहने लायक नहीं बचा। जहरीली हवा, बढ़ती गर्मी, खराब परिवहन व्यवस्था और असुरक्षित सार्वजनिक जगहों ने इस शहर को मुश्किल बना दिया है।

परिवहन इन समस्याओं का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि स्थानीय प्रदूषण का 51.5% हिस्सा परिवहन से होने वाले उत्सर्जन से आता है। दिल्ली में निजी वाहनों पर अत्यधिक निर्भरता, जो 2023 में लगभग 2.071 मिलियन निजी वाहनों के पंजीकरण के साथ और बढ़ गई, ने स्वास्थ्य, समानता और स्थिरता से जुड़ा एक गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इसका मुख्य कारण है कि सार्वजनिक परिवहन विश्वसनीय, किफायती और अच्छी तरह से जुड़ा हुआ नहीं है। साथ ही, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए बुनियादी ढाँचे की कमी ने सामाजिक असमानताओं को और गहरा कर दिया है और प्रदूषण को बढ़ावा दिया है।

ये गंभीर और बहुआयामी चुनौतियाँ इस बात को स्पष्ट करती हैं कि दिल्ली के परिवहन तंत्र को फिर से सोचने की सख्त ज़रूरत है ताकि शहर सभी के लिए रहने योग्य बन सके। यह "दिल्ली चार्टर" इसी नई सोच का प्रतिनिधित्व करने और दिल्ली के नागरिकों और निर्णय लेने वालों के बीच एक पुल का काम करने का प्रयास करता है। यह दस्तावेज़ "दिल्ली मास्टर प्लान 2021" और "मैं भी दिल्ली" अभियान के तहत किए गए महत्वपूर्ण कार्यों पर आधारित है।

हम क्या कर रहे हैं?

सितंबर 2024 में, YLAC ने परिसर और वातावरण के साथ मिलकर महाराष्ट्र अर्बन मोबिलिटी चार्टर प्रकाशित किया। इसमें गाड़ियों की बढ़ती संख्या, सड़कों की कमी, और पर्यावरण को हो रहे नुकसान जैसे मुद्दों का समाधान दिया गया था। 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले जारी इस चार्टर को 1,500 से अधिक नागरिकों का समर्थन मिला और इसे व्यापक मीडिया कवरेज प्राप्त हुआ। इसके कई समाधान MVA और महायुति गठबंधनों के चुनाव घोषणापत्रों में शामिल किए गए।

अब YLAC का ध्यान दिल्ली पर है। सिटी सभाराहगीरी फाउंडेशन और सेफ्टीपिन जैसे संगठनों के साथ मिलकर "दिल्ली चार्टर" तैयार किया जा रहा है। इसे 2025 दिल्ली चुनावों से पहले लॉन्च किया जाएगा।

इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, YLAC ने अब अपनी नजर दिल्ली पर केंद्रित की है। सस्टेनेबल मोबिलिटी नेटवर्क के तहत  सिटी सभाराहगीरी फाउंडेशन और सेफ्टीपिन के साथ साझेदारी में, हम 2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली सस्टेनेबल मोबिलिटी चार्टर या “दिल्ली चार्टर” तैयार कर रहे हैं।

‘दिल्ली चार्टर’ एक ऐसी दिल्ली के लिए सामूहिक दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है, जो सुलभ, समावेशी और सतत हो। यह चार्टर मुख्य विषयों को कवर करता है, जैसे: सार्वजनिक परिवहन ढांचे का विस्तार और सुधार, शहरी परिवहन में समावेशिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को कम करने के लिए सतत उपाय अपनाना और जवाबदेही व शासन को मजबूत करना। यह चार्टर दिल्ली के शहरी विकास के लिए व्यावहारिक समाधान प्रदान करता है और इसे CEEWOMI फाउंडेशनपीपल रिसोर्सेस सेंटरपब्लिक ट्रांसपोर्ट फोरमसेवलाइफ फाउंडेशन, और द अर्बन कैटलिस्ट का समर्थन प्राप्त है।

आह्वान: साथ मिलकर आगे बढ़ें

हम इस चार्टर को दिल्ली के नेताओं के सामने रख रहे हैं, और इसे सफल बनाने के लिए आपकी मदद जरूरी है। इस चार्टर को दिल्ली विधानसभा के आने वाले सदस्यों तक पहुंचाने के लिए हमारी याचिका पर हस्ताक्षर करें। आपका हर हस्ताक्षर जरूरी है और इससे चार्टर में सुझाए गए परिवहन सुधारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

हम आपसे यह भी आग्रह करते हैं कि इस याचिका को अपने नेटवर्क में साझा करें और हैशटैग #DilliCharter का उपयोग करके इस पहल को आगे बढ़ाएं। साथ मिलकर, हम एक ऐसी दिल्ली का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल समस्याओं से जूझे बल्कि उन्हें हराकर प्रगति की ओर बढ़े।

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था

  1. दिल्ली में बसों की संख्या को बढ़ाकर 20,000 तक करें, ताकि आबादी के हर एक लाख लोगों पर 60 बसों का लक्ष्य पूरा हो सके, जो कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के सेवा स्तर बेंचमार्क के अनुसार है। इन नई बसों के वितरण में यह सुनिश्चित करें कि बाहरी क्षेत्रों, कम सेवाओं वाले इलाकों और पुनर्वास क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए और यह भी सुनिश्चित करें कि सभी बसें कार्यात्मक और शून्य-उत्सर्जन (zero-emission) हों।

  2. बाहरी और पुनर्वास इलाकों में सुरक्षित लास्ट-माइल कनेक्टिविटी में  सुधार करें |

  • मोहल्ला बस योजना शुरू करें और सस्ती बसें, मिनी बसें, ई-रिक्शा और ऑटो हर 10 मिनट पर चलाएं, चाहे पीक टाइम हो या नॉन-पीक। 

  • मेट्रो सहित सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाने के लिए और निजी दोपहिया वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए प्रति यात्रा किराया घटाएं और इसे लास्ट-माइल सेवाओं के साथ एकीकृत करें।

  • NMT (Non-Motorized Transport) और बस लेन, साइकिल स्टैंड, छायादार पैदल मार्ग, मेट्रो स्टेशन, बस शेल्टर और स्टॉप, और अन्य सार्वजनिक परिवहन केंद्रों का एक एकीकृत, निरंतर और विस्तृत नेटवर्क विकसित करें।

  1. बस यात्रा को आसान और तेज़ बनाने के लिए GPS आधारित रियल-टाइम जानकारी प्रदान करें, बसों के लिए समर्पित लेन बनाएं और रूट दक्षता में सुधार करें, जिसमें स्थानीय उपयोगकर्ताओं और नागरिक समाज के संगठनों से परामर्श लिया जाए।

  2. 'कंप्लीट स्ट्रीट्स' नीति लागू करें, जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित हो कि सडकों की सरंचना पैदल यात्री, स्ट्रीट वेंडर, साइकिल चालक, मोटर वाहन चालक और सार्वजनिक परिवहन उपयोगकर्ता, सभी के लिए सुरक्षित और समान रूप से उपयोगी हो। इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और सड़क की जगह को सभी की जरूरतों और अधिकारों के अनुसार बांटा जा सकेगा।

समावेशिता और सुरक्षा

  1. कानूनों को सख्ती से लागू करें ताकि जाति, वर्ग, लिंग, धर्म या पेशे से जुड़ी वर्दी और उपकरण (जैसे, अनौपचारिक निर्माण या सफाई कार्यकर्ता) के आधार पर किसी को भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से रोका न जाए

  2. सुनिश्चित करें कि सभी सार्वजनिक परिवहन, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, सूचना प्रणालियाँ और सड़कें 'दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम {3} 2016' और लिंग-प्रतिक्रिया (Gender-Responsive) सिद्धांतों के अनुसार डिज़ाइन, निर्मित और रख-रखाव की जाएं, ताकि समान पहुंच, समावेशिता और उपयोग में आसानी को मजबूत किया जा सके।

  3. महिलाओं की सुरक्षा और समावेशिता को मजबूत करने के लिए नियमित ऑडिट, लैंगिक आधार पर डेटा संग्रह और सार्वजनिक परामर्श को सक्रिय रूप से लागू करें। यह सुनिश्चित करें कि एंड-टू-एंड लैंगिक उत्तरदायी डिज़ाइन और नीतियां लागू हों जैसे कि:

  • रात में बसें महिलाओं के लिए स्टॉप और सड़क पर रुके, मुफ्त किराए और सीट आरक्षण योजनाओं का सख्ती से पालन हो, स्ट्रीट और बस स्टॉप पर बेहतर रोशनी हो, स्टेशन और बस स्टॉप के पास स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय और स्तनपान की जगह हो, उत्पीड़न की रोकथाम हो, और परिवहन कर्मियों के लिए लैंगिक संवेदनशीलता हो।

  • कार्यबल में महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए, और इसके लिए भर्ती और पदोन्नति के स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए जाएं।

  • यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) के तहत एक लैंगिक सलाहकार समिति और शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) स्थापित की जाए।

  1. सार्वजनिक सुरक्षा और विश्वास को बढ़ाने के लिए सभी सार्वजनिक परिवहन ढांचे में सीसीटीवी, डिस्ट्रेस बटन, सुलभ ऑडियो-विजुअल सार्वजनिक सूचना प्रणाली, और समावेशी व आरामदायक सार्वजनिक बैठने की सुविधाएं शामिल करें।

  2. मास्टर प्लान दिल्ली 2021 की परिवहन नीति के मुख्य उद्देश्यों के अनुसार, सभी सड़क और परिवहन उपयोगकर्ताओं की शून्य मृत्यु दर प्राप्त करने के लिए पूरे शहर में सेफ सिस्टम्स एप्रोच अपनाने का संकल्प लें। इसमें स्कूलों और अस्पतालों के आस-पास 30 किमी/घंटा की गति सीमा लागू करना, पैदल यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना, ब्लैक स्पॉट्स पर सुरक्षा साइनबोर्ड और स्पीड ब्रेकर लगाना, और आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित प्राथमिक उत्तरदाताओं को तैनात करना शामिल है।

जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण

  1. पैदल चलने और साइकिल चलाने को प्राथमिक परिवहन साधन के रूप में बढ़ावा दें। इसके लिए सभी सड़कों, खासकर मुख्य सड़कों, पर सुरक्षित और सुलभ बुनियादी ढांचा बनाएं और इन साधनों को व्यापक परिवहन नेटवर्क में जोड़ें ताकि मोटराइज्ड वाहनों पर निर्भरता कम हो सके।

  2. प्रमुख सार्वजनिक परिवहन केंद्रों और मास ट्रांजिट क्षेत्रों, जैसे मेट्रो स्टेशनों, के 500 मीटर के दायरे में निर्धारित पार्किंग स्थान बनाएं, ताकि आखिरी मील कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सके।

  3. दिल्ली के प्रमुख प्रदूषण वाले इलाकों में और खासकर स्कूलों और अस्पतालों के पास “लो इमिशन ज़ोन” (LEZs) बनाएं, जहां ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों का प्रवेश रोका जाए और साफ-सुथरे परिवहन जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियां, हाइब्रिड गाड़ियां, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक साधन और साइकिलिंग को बढ़ावा दिया जाए।

  4. बिना सार्वजनिक परिवहन की पहुंच को प्रभावित किए, 2030 तक निजी और सार्वजनिक वाहनों के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में बदलाव अनिवार्य करें। ट्रांजिट हब्स और कॉरिडोर के 3 किमी के दायरे में सोलर पावर चार्जिंग स्टेशन विकसित करें और EV बैटरियों के 100% रीसाइक्लिंग के लिए सुविधाएं स्थापित करें।

जवाबदेही और प्रशासन

  1. सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखें ताकि एक साथ मिलकर परिवहन योजना बनाई और लागू की जा सके, जैसे कि एक यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (UMTA) बनाना।

  2. एक समयसीमा निर्धारित और मापने योग्य राज्य-स्तरीय नीति बनाएं, जो मौजूद योजनाओं को जोड़कर भूमि उपयोग और शहरी परिवहन में सुधार करे, और इसमें मजबूत सार्वजनिक चर्चा और स्थायी शहरी गतिशीलता योजनाओं को शामिल किया जाए।

  3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) में संबंधित विभागों, नागरिक समाज और स्वतंत्र विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करें, ताकि एक संयुक्त और वैज्ञानिक कार्य योजना बनाई जा सके, जो वाहनों, धूल, उद्योगों और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को प्रभावी तरीके से कम कर सके।

  4. शहर भर में ट्रैफिक जाम को कम करनेअव्यवस्थित पार्किंग क्षेत्रों का सही उपयोग करने, वैध पार्किंग और नो-पार्किंग जोन को चिह्नित और लागू करने, और परिवर्तनीय पार्किंग शुल्क लगाने के लिए सिटी-वाइड पार्किंग मैनेजमेंट एरिया प्लान (PMAPs) के निर्माण और क्रियान्वयन को तेज़ी से पूरा करें। इसके लिए MCD को निगरानी और प्रवर्तन की अधिक शक्ति दी जाए, साथ ही नागरिकों की भागीदारी और जागरूकता पर जोर दिया जाए।

  5. परिवहन फंडिंग स्रोतों, जैसे जुर्माने, और उनके आवंटन का डेटा सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करें, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ सके।

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